शुक्रवार, 20 मई 2016

नन्ही दोस्त

नन्ही दोस्त
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चिड़ियों को पानी रख देना
थोड़ा रखना खाना
फिर तुम सुनना दोपहरी में
मीठा-मीठा गाना।
छाँव जिधर आती हो घर में
उसकी ठाँव बनाना
बीच शहर के हो-हल्ले में
भूला गाँव बसाना।
नहीं छेड़ना नन्ही जाँ को
खुशियाँ उससे पाना।
फिर तुम---
गर्मी की छुट्टी में चिड़िया 
दोस्त तुम्हारी होगी
पास घोसले में उसकी भी
अपनी दुनिया होगी।
मम्मी से कह कर गेहूँ,
चावल,जवार मँगवाना।
फिर तुम---
शाम ढले जब सारे बच्चे
मैदानों में आओगे
निश्चय ही नन्ही चिड़िया की
सारी बात बताओगे।
सब मिल-जुल कर कॉलोनी में
ढेरों प्याऊ लगाना।
फिर तुम---
गर्मी में जब जीव-जंतु
भूखे-प्यासे मर जाते
तुम जैसे अच्छे बच्चे ही
उसकी जान बचाते।
धरती सबकी, अंबर सबका
सब का एक ठिकाना।
फिर तुम----


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